इन्सान की जैसी मनोवृत्ति होती है उसी तरह के वह कार्य करता है .. यह बात अलग है की मक्कारी का ढोंग रचाकर वह वास्तविकता छुपाने का प्रयास करे लेकिन आदतन कुछ समय बाद वास्तविकता प्रकट हो ही जाती है..
एक बार कोई चित्रकार भयानक और खूंखार चेहरे वाला चित्र बनाने के इरादे से भिन्न भिन्न प्रकार के अपराध करने वालों से मिला लेकिन उसे कोई भी अपराधी इस प्रकार के चेहरे वाला नहीं मिला .एक दिन अचानक उसने जेल में एक उम्र कैद की सजा पाए अपराधी को देखा तो उसे वह चेहरा सबसे भयंकर दिखाई दिया. फिर क्या था उसने उस अपराधी का चित्र बनाना प्रारंभ कर दिया.चित्र बनाते समय अपराधी ने चित्रकार से पूछा,तुम मेरा चित्र क्यों बना रहे हो ? तब चित्रकार बोला मैंने इसी प्रकार बीस वर्ष पहले भी एक ऐसे इन्सान का चित्र बनाया था जिसके चेहरे पर सच्चाई और मासूमिअत झलकती हो.वह चित्र लोगों को बहुत पसंद आया था उस चित्र की काफी बिक्री हुई थी जिसका मुझे भी काफी लाभ मिला. आज एक बार फिर उस चित्र के विपरीत एक ऐसा चित्र बना रहा हूँ जिसके चेहरे से दरिंदगी मक्कारी और भयानकता झलकती हो ,इतना सुनते ही वह अपराधी फूट फूट कर रोने लगा तब चित्रकार ने उसके रोने का कारन जानना चाहा.तो अपराधी बोला आपने बीस वर्ष पहले जो चित्र बनाया था वह चित्र मेरा ही था लेकिन अपराध के दलदल में फंसकर मेरे कर्मों के कारण यह भयानक भाव मेरे चहरे से झलकने लगे हैं..
कहने का तात्पर्य ये है की जीवन के दो रास्ते हैं , एक सच्चाई की तरफ जाता है और दूसरा बुराई की तरफ.महर्षि वाल्मीकि इसी का विपरीत उदाहरण हैं,वह बुरे के मार्ग से हटकर सन्मार्ग पर चले और दुनिया को पहला ऐसा धार्मिक ग्रन्थ दिया,जो लोगों का प्रेरणा स्त्रोत बना और लोग जिसकी पूजा करते हैं..
यह कथा श्री ठाकुर ए.के.सिंह सोमवंशी (प्रधान जी )ने मुझे लिखकर दी है..
श्री ठाकुर ए.के.सिंह सोमवंशी का जन्म 8 दिसम्बर सन 1966 को पटियाला आर्मी हॉस्पिटल में हुआ 28 अगस्त 1986 को इन्होने आर्मी ज्वाइन की .28 अगस्त 2005 को ग्राम प्रधान मोहनीपुर भरौटा मेरठ (UP ) निर्वाचित हुए .28 अगस्त 2008 से ये ग्वालियर अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑव इंग्लिश लेन्गुएज में प्रबंधक का कार्य रहें हैं. इसके साथ साथ यह LIC एजेंट का कार्य 8 दिसम्बर 2002 से कर रहे हैं.यह बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं .इनके अनेक सामाजिक लेख मेरठ के दैनिक जागरण और अमर उजाला में प्रकाशित हो चुके हैं .राजनेताओं के कार्य आरक्षण,साम्प्रदायिकता,जाति,आतंकवाद पर इनके विचार बड़े ही व्यंग्यात्मक हैं .ये एक सुन्दर पत्नी के साथ साथ दो पुत्री और दो पुत्र के पिता हैं और बहुत ही सीमित और कम बोलने वाले इन्सान हैं .
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